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ब्राह्मण अंतर्राष्ट्रीय की २० सूत्री कार्यसूचि

  1. गरीब कन्या एवं वर पक्ष की व्यवहारिक वैवाहिक सूची एवं परिचय सम्मेलन जिला स्तर पर ब्लॉक स्तर पर एवं सामूहिक विवाह का कार्यक्रम |
  2. सामूहिक जनेऊ संस्कार कार्यक्रम आयोजित करना |
  3. गरीब एवं होनहार छात्रों को पुस्तक बेग, वस्त्र इत्यादि की मदद एवं अनुदान एकत्रित करना |
  4. जिला और प्रदेश स्तर पर प्रतिभा प्रोत्साहन प्रोत्साहन समारोह |
  5. संस्कृत भाषा के प्रसार के लिए जिला स्तर पर संस्कृत में वाद-विवाद, भाषण, परिचर्चा समारोह एवं पुरस्कार समारोह |
  6. प्रशासनिक अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों का सम्मान समारोह |
  7. स्थानीय ब्राह्मणों के साथ मिलकर ज्योतिर्लिंग दर्शन, शक्ति पीठ दर्शन के सामूहिक कार्यक्रम बनाना कुछ गरीब ब्राह्मणों को अपनी दल के साथ निशुल्क तीर्थ दर्शन करना |
  8. संस्कार संस्कृति संस्कृत साहित्य सृजन विकास पर विशेष ध्यान देना|
  9. गाय, गंगा, गायत्री, वेद, शास्त्र का संरक्षण पर विचार मंथन के लिए गोष्ठियाँ करें एवं जहां भी इसका ह्रास होता दिखे उसके लिए आंदोलन करना |
  10. भारत को भारत बनाए रखने में ब्राह्मण समाज का योगदान क्या होना चाहिए इस पर चर्चा करना एवं युवकों को इसके लिए अग्रसर करना|
  11. आर्थिक रूप से कमजोर असहाय बेरोजगार ब्राह्मणों की स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकता में सहायता करना एवं उसके लिए अनुदान इकठा करना|
  12. सर्व साधारण के लिए मोतियाबिंद का ऑपरेशन , रक्तदान कैंप एवं मेडिकल कैंप का आयोजन स्थानीय चिकित्सकों एवं हस्पतालों की मदद से करवाएं |
  13. जिला स्तर पर ध्यान एवं योग शिविर आयोजित करना ताकि समाज की शारीरिक एवं मानसिक स्वस्थ्य बना रहे|
  14. हर प्रदेश में जहां भी संभव हो ब्राह्मण भवन एवं परशुराम मंदिर का स्थापना करना|
  15. पर्यावरण संरक्षण पर जोर देना जहां भी पर्यावरण के उपेक्षा की जा रही हो जैसे पेड़ काटे जा रहे हो नदियों में गंदे नाले डाले जा रहे हो तालाबों को दूषित किया जा रहा हो तालाबों को सूचित किया जा रहा हो| उसकी शिकायत स्थानीय स्तर पर जिला दंडाधिकारी को देना एवं स्थानीय एमपी एमएलए को उस को पर्यावरण संरक्षित करने के लिए प्रोत्साहित करना|
  16. क्षेत्रिय महिला संगठन साप्ताहिक सुंदरकाण्ड एवं सत्यनारायण कथा का महिलाओं के साथ मिल कर आयोजन करें जिससे सामाजिक जुडाव बड़े|
  17. ब्लाक स्तर पर गायत्री यज्ञ का मासिक आयोजन किया जाए जिसमे ब्राह्मण एवं हितैषी सम्मलित हों
  18. तुलसी जयंती, हनुमान प्राकट्य उत्सव , चाणक्य जयंती इत्यादि को क्षेत्रीय रूप में सामूहिक शोभा यात्रा एवं कार्यक्रम के रूप में मनाएं |
  19. उपरोक्त सामाजिक कार्यों में धनाढ्य ब्राह्मणों एवं ब्राह्मण हितैषियों से धन योगदान लेना एवं इन सामाजिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम करने के लिए प्रोत्साहित करना|
  20. जिला एवं ब्लाक पदाधिकारी स्थानीय प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारीयों से व्यावहारिक सम्बन्ध बनाएं और उनको अपने कार्यक्रमों में आमंत्रित करें| उनको अपने द्वारा किये जा रहे रचनात्मंक कार्यों से अवगत कराएं |